
Tata Motors इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) की दौड़ में लीडर तो बनी हुई है, लेकिन क्या यह लीड टिकेगी? 2025 की शुरुआत में जहां EV मार्केट शेयर 46% था, वह अप्रैल में गिरकर 36% तक पहुंच गया। FY24 में यह हिस्सा 70% था—यानी गिरावट साफ दिख रही है।
लेकिन सवाल ये नहीं कि मार्केट शेयर घटा है, सवाल ये है कि कंपनी की नींव कितनी मजबूत है।
स्केल, रेवेन्यू, तकनीक और ईकोसिस्टम निवेश जैसे बिंदु दिखाते हैं कि टाटा मोटर्स EV रेस में सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि रणनीतिक लीडर बनी हुई है।
बाजार में दबदबा: स्केल, रेवेन्यू और मजबूती
EV मार्केट शेयर की ताकत
भारत की EV बिक्री में टाटा मोटर्स का वर्चस्व बना हुआ है, भले ही शेयर में थोड़ी गिरावट आई हो। 2025 की शुरुआत में नई कंपनियों की एंट्री और किफायती मॉडलों की बाढ़ से टाटा का मार्केट शेयर 70% से गिरकर अप्रैल में 36% हो गया।
लेकिन वॉल्यूम और स्केल में कंपनी अब भी नंबर 1 है। यही स्केल है जो बेहतर मार्जिन, सस्ते प्रोडक्शन और रिटेल प्राइसिंग में मदद करता है।
रेवेन्यू और ग्रोथ ट्रैक
टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हीकल डिवीजन में EV का योगदान FY25 में 20–25% तक पहुंच चुका है। आने वाले वर्षों में EV का CAGR भारत में 40–45% रहने का अनुमान है — जिसका सबसे बड़ा फायदा टाटा को मिलेगा।
प्रोडक्ट पोर्टफोलियो और ASP का प्रभाव
Tiago EV से लेकर Nexon और Punch EV तक, टाटा ने हर सेगमेंट में EV उतारे हैं। अब Curvv, Sierra और Harrier जैसे प्रीमियम EV आने वाले हैं, जिससे Average Selling Price (ASP) बढ़ेगा और रेवेन्यू को बूस्ट मिलेगा।
मुनाफा और EV इकोसिस्टम में पूंजी निवेश
EV मार्जिन्स का भविष्य
EV सेगमेंट में फिलहाल मार्जिन कम हैं, लेकिन बैटरी कॉस्ट घटने और लोकलाइजेशन बढ़ने से अगले 2–3 साल में EBITDA मार्जिन्स 8–10% तक पहुंच सकते हैं।
इकोसिस्टम का निर्माण
टाटा सिर्फ कार नहीं बेच रही—वह पूरा EV इकोसिस्टम बना रही है। चार्जिंग में टाटा पावर, बैटरियों में टाटा केमिकल्स और सप्लाई चेन में दूसरे टाटा ग्रुप्स का समर्थन कंपनी को दीर्घकालिक बढ़त देगा।
R&D और टेक्नोलॉजी पर फोकस
कंपनी EV के अगली पीढ़ी के प्लेटफॉर्म, बैटरी और AI फीचर्स पर लगातार R&D खर्च कर रही है। इसका असर आने वाले सालों में स्टॉक वैल्यू और ब्रांड वैल्यू—दोनों में दिखेगा।

Competition, सरकारी नीति और भविष्य की राह
प्रतिस्पर्धा से दबाव, पर रणनीति मजबूत
2024 में, टाटा मोटर्स ने 562,468 यात्री वाहन बेचे, जिसमें EV बिक्री 68,980 इकाइयाँ (-0.25% YoY) रही, जो नीतिगत बदलावों और प्रतिस्पर्धा के कारण स्थिर रही, जबकि SUV (+19% YoY) और CNG वाहन (+77% YoY) ने कुल PV बिक्री को बढ़ाया। FY24 में कुल बिक्री (CV सहित) 969,300 इकाइयाँ (+1.5% YoY) थी, लेकिन EV हिस्सेदारी 12.55% से घटकर 12.26% हो गई।
MG, Mahindra, Hyundai और BYD जैसे दिग्गज भारत के EV बाजार में उतरे हैं। लेकिन टाटा ने स्केल, सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और ब्रांड भरोसे के दम पर खुद को स्थिर बनाए रखा है।
सरकारी योजनाएं एक बूस्टर
FAME-II, PLI स्कीम और टैक्स बेनिफिट्स जैसी सरकारी नीतियों का सीधा फायदा टाटा जैसे प्लेयर्स को मिल रहा है। इससे कंपनी को लॉन्ग-टर्म सपोर्ट मिलता रहेगा।
भविष्य की तस्वीर
विश्लेषकों का अनुमान है कि EV डिवीजन FY30 तक टाटा मोटर्स के रेवेन्यू का 30–40% हिस्सा बन सकता है। यानी आज की तैयारी, कल के फायदे की नींव है।
Q4 2025: वित्तीय परिणामों का विश्लेषण
टाटा मोटर्स ने Q4 FY25 में मिले परिणामों से निवेशकों को मिला एक मिश्रित लेकिन आशावादी संदेश दिया है।
- कुल राजस्व: ₹85,000 करोड़ के करीब रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही से लगभग 10% अधिक है।
- EV सेगमेंट की भूमिका: इस राजस्व में EV डिवीजन ने लगभग 23% योगदान दिया, जो कंपनी के लिए लगातार बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
- EBITDA मार्जिन: कंपनी ने इस क्वार्टर में 6.8% EBITDA मार्जिन दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है, लेकिन कंपनी के भारी निवेश और विस्तार के कारण अस्थायी माना जा रहा है।
- नेट प्रॉफिट: ₹1,500 करोड़ के आसपास रहा, जो टाटा मोटर्स की मजबूत प्रॉफिटेबिलिटी को दिखाता है।
- कैपेक्स: EV इकोसिस्टम विस्तार और नए प्रोडक्ट लॉन्च के लिए ₹2,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया गया।
Q4 में कुछ दबाव मार्जिन पर दिखा, लेकिन EV बिजनेस की ग्रोथ और कैपेक्स निवेश से कंपनी की लंबी अवधि की सफलता की उम्मीद बनी हुई है।
स्टॉक प्राइस एक्शन



- टाटा मोटर्स का ऑल-टाइम हाई ₹1,030 था, जो नवंबर 2024 में आया था।
- अप्रैल 2025 के यूएस टैरिफ फैसले के बाद शेयर ₹581.50 तक गिरा, जो ऑल-टाइम हाई से ₹448.50 (लगभग 43.5%) की भारी गिरावट दर्शाता है।
- मई-जून में शेयर ने ₹700–737 के बीच रिकवरी दिखाई है, लेकिन अभी भी ऑल-टाइम हाई से लगभग 30% नीचे ट्रेड कर रहा है।
यह करेक्शन निवेशकों को मौका भी देता है, खासकर जब कंपनी के फंडामेंटल्स और EV डिवीजन के ग्रोथ ट्रैक मजबूत बने हुए हैं।
तकनीकी विश्लेषण: RSI, सपोर्ट और रेजिस्टेंस क्या कहते हैं?
महीना | हाई (₹) | लो (₹) | एवरेज (₹) |
अप्रैल | 671.90 | 581.50 | 626.70 |
मई | 737.50 | 701.30 | 721.74 |
जून* | 719.00 | 701.20 | 709.98 |
- 14-दिन का RSI (06 जून): 53.82
यह दर्शाता है कि स्टॉक न ओवरबॉट है, न ओवरसोल्ड — यानी एक संतुलित ज़ोन में है। - रेजिस्टेंस लेवल: ₹730–740 के बीच।
- सपोर्ट लेवल: ₹700 — यहीं से tata motors ने बाउंस किया।
क्या EV डिवीजन पर दांव लगाएं?
टाटा मोटर्स की EV सेगमेंट में मजबूत स्थिति और निरंतर निवेश, कंपनी की समग्र वित्तीय स्थिति और भविष्य के स्टॉक प्रदर्शन के लिए नींव की तरह हैं। EV डिवीजन को सिर्फ एक नया ट्रेंड न समझें — यह टाटा मोटर्स की दीर्घकालिक व्यवहार्यता और विकास क्षमता का प्रमुख संकेतक है।
अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेश सोच रहे हैं, तो टाटा मोटर्स के EV बिजनेस पर दांव लगाना सिर्फ समझदारी नहीं, एक रणनीतिक कदम भी होगा। EV रेस में मुकाबला ज़रूर बढ़ा है, लेकिन टाटा की रणनीति, स्केल और इकोसिस्टम पोजिशनिंग आज भी सबसे मज़बूत है। निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि EV डिवीजन टाटा मोटर्स का भविष्य है — और शायद आपका निवेश भविष्य भी।

यह ग्राफ अप्रैल से जून 2025 तक के टाटा मोटर्स के हाई, लो और एवरेज शेयर प्राइस को दर्शाता है।
- अप्रैल में अमेरिकी टैरिफ असर से बड़ी गिरावट दिखी।
- मई में मजबूत रिकवरी रही, जबकि
- जून में अब तक सीमित वोलैटिलिटी दिखी है।
डिस्क्लेमर
यह पोस्ट केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। निवेश से जुड़ी कोई भी निर्णय लेने से पहले कृपया किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। निवेश में जोखिम होते हैं और अतीत का प्रदर्शन भविष्य की सफलता की गारंटी नहीं है।
Reference –
https://www.tatamotors.com/quarterly-results/
https://www.nseindia.com/get-quotes/equity?symbol=TATAMOTORS
FAQ
टाटा मोटर्स का EV मार्केट शेयर घट क्यों रहा है?
2025 की शुरुआत में टाटा मोटर्स का EV मार्केट शेयर 70% था, जो अप्रैल में घटकर 36% हो गया। इसका कारण नए खिलाड़ियों की एंट्री (जैसे MG, Mahindra, BYD) और किफायती मॉडलों की बाढ़ है। हालांकि, टाटा अब भी वॉल्यूम के लिहाज़ से नंबर 1 बनी हुई है और स्केल के दम पर लीड बनाए हुए है।
क्या टाटा मोटर्स का EV बिजनेस अभी भी फायदे में है?
फिलहाल EV सेगमेंट में मार्जिन कम हैं, लेकिन बैटरी कॉस्ट में गिरावट और लोकलाइजेशन से अगले 2–3 वर्षों में EBITDA मार्जिन 8–10% तक बढ़ने की संभावना है। FY25 की Q4 में EV सेगमेंट का कुल रेवेन्यू में योगदान 23% रहा, जो इसकी बढ़ती ताकत को दिखाता है।
टाटा मोटर्स के शेयर में इतनी गिरावट क्यों आई?
नवंबर 2024 में टाटा मोटर्स का शेयर ऑल-टाइम हाई ₹1,030 पर था, लेकिन अप्रैल 2025 में अमेरिकी टैरिफ फैसले के कारण गिरकर ₹581.50 तक आ गया। हालांकि, मई–जून में शेयर ने ₹700–737 के बीच अच्छी रिकवरी दिखाई है।
क्या अभी टाटा मोटर्स के EV डिवीजन में निवेश करना सही होगा?
अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं, तो टाटा का EV बिजनेस एक रणनीतिक निवेश विकल्प हो सकता है। कंपनी का स्केल, टेक्नोलॉजी, और EV इकोसिस्टम में निवेश इसकी दीर्घकालिक ग्रोथ को मजबूत आधार देता है।
Note-
शेर बाजार के अलावा भी investment के कई options है । आधिक जानकारी के लिये पढे A guide to Investment । याद रखें, हम हमेशा आपके साथ हैं, लेकिन अपनी मेहनत की कमाई का फ़ैसला हमेशा सोच-समझकर और अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेकर ही करें। आइए, आलेखी – Aalekhi के साथ मिलकर एक आर्थिक रूप से मजबूत भविष्य बनाएँ! आप अपने परिवार और मित्रो के साथ भी यह जानकारी साझा करे l
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