NPS Vatsalya की 7 मुख्य विशेषताएं जो आपको जाननी चाहिए
बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि इससे उनका जीवन आगे चलकर आसान बनता है। जब आर्थिक रूप से वे मज़बूत होते हैं, तो अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। अगर कम उम्र में ही नियमित बचत की जाए, तो उसका फायदा लंबे समय तक मिलता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई ₹5,000 हर महीने 10% ब्याज दर पर निवेश करे, तो 18 साल में वह रकम करीब ₹23 लाख हो सकती है। यह पैसा बच्चों की पढ़ाई, ज़रूरतों या किसी इमरजेंसी में काम आ सकता है। सरकार ने भी लोगों की वित्तीय सुरक्षा के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) एक ऐसी ही सरकारी योजना है। जो रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सहारा देती है। इसके अलावा, NPS के तहत एक खास योजना — NPS Vatsalya (वात्सल्य योजना) भी शुरू की गई है, जो बच्चों के लिए है। खासकर उन अनाथ बच्चों के लिए जिनके पास कोई स्थायी सहारा नहीं है। इस योजना में किसी भी बच्चे के नाम पर हर साल ₹1,000 (minimum) जमा किए जा सकते हैं, जब तक वह 18 साल का न हो जाए। अगर बच्चा अनाथ है, तो उसका खाता एक अभिभावक या संरक्षक की देखरेख में चलता है। जब बच्चा 18 वर्ष का हो जाता है, तो यह खाता सामान्य NPS खाते में बदल जाता है। जिससे उसे भविष्य में आर्थिक सुरक्षा मिलती है। इस तरह, यह योजना बच्चों के लिए एक सुरक्षित और स्थायी भविष्य बनाने में मदद करती है।

NPS Vatsalya योजना शुरू करने का उद्देश्य
वात्सल्य योजना का मकसद बच्चों के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित बनाना है। ताकि वे बड़े होकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। यह योजना विशेष रूप से अनाथ बच्चों के लिए बनाई गई है। लेकिन सभी नाबालिगों को इसमें शामिल किया गया है। इस योजना के ज़रिए अभिभावकों को शुरुआती दौर से ही बचत के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जिससे लंबे समय में एक अच्छा फंड तैयार हो सके। कम लागत में लचीले निवेश विकल्पों के साथ यह योजना चक्रवृद्धि लाभ देती है। साथ ही, यह बच्चों में छोटी उम्र से ही आर्थिक समझ और अनुशासन भी विकसित करती है। इस लेख के ज़रिए हम NPS वात्सल्य योजना को और अच्छे से समझ पाएंगे।
NPS Vatsalya (NPS वात्सल्य योजना): बच्चों के भविष्य के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प
आखिर क्या है NPS वात्सल्य योजना ?
यह योजना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत एक विशेष पेंशन योजना है। जो नाबालिग बच्चों के लिए शुरू की गई है। इसमें अभिभावक हर साल न्यूनतम ₹1,000 का निवेश करके अपने बच्चे का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। योजना में बाजार से जुड़ा निवेश होता है। जिससे अच्छे रिटर्न की संभावना रहती है। साथ ही, इसमें टैक्स लाभ भी मिलता है। जब बच्चा 18 साल का हो जाता है, तो यह खाता सामान्य NPS खाते में बदल जाता है।
यह योजना किसके लिए है?
NPS वात्सल्य योजना सभी भारतीय नाबालिगों के लिए है, जिनकी उम्र 18 साल से कम है। यह योजना खासकर अनाथ बच्चों के हित में बनाई गई है। ताकि उनके पास भी एक सुरक्षित वित्तीय आधार हो। अभिभावक या कानूनी संरक्षक इनके लिए योगदान कर सकते हैं। अगर बच्चा अनाथ है, तो कोर्ट द्वारा नियुक्त अभिभावक योजना में योगदान कर सकता है। इस तरह यह योजना सभी बच्चों के लिए दीर्घकालिक बचत का अवसर देती है।
बच्चे की ओर से कौन निवेश कर सकता है?
इस योजना में बच्चे की ओर से उसके माता-पिता या कानूनी संरक्षक निवेश कर सकते हैं। अनाथ बच्चों के लिए कोर्ट द्वारा नियुक्त अभिभावक या अधिकृत प्रतिनिधि योगदान कर सकते हैं। न्यूनतम सालाना योगदान ₹1,000 है। जो कि बच्चे के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में पहला कदम हो सकता है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि एक बच्चे के नाम पर केवल एक ही खाता खोला जा सकता है।

NPS वात्सल्य योजना की मुख्य विशेषताएं और लाभ
न्यूनतम और अधिकतम निवेश राशि
इस योजना में न्यूनतम सालाना निवेश ₹1,000 है, जिससे यह सभी परिवारों के लिए सुलभ बनती है। अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है। यानी अभिभावक अपनी क्षमता और जरूरत के अनुसार जितनी चाहें, उतनी राशि निवेश कर सकते हैं। जैसे-जैसे आमदनी बढ़ती है, वैसे-वैसे निवेश राशि भी बढ़ाई जा सकती है। यह लचीलापन परिवारों को अपने बजट के अनुसार योजना में योगदान करने की सुविधा देता है।
निवेश की अवधि
इस योजना में निवेश तब शुरू होता है जब बच्चा नाबालिग होता है और यह तब तक जारी रहती है जब तक वह 18 वर्ष का नहीं हो जाता। इसके बाद यह खाता सामान्य NPS खाते में बदल जाता है। जो व्यक्ति के 60 साल या उससे अधिक उम्र तक चलता है। लंबी अवधि तक निवेश रहने से चक्रवृद्धि लाभ भी ज्यादा होता है और भविष्य में आर्थिक सुरक्षा मजबूत होती है।
अपेक्षित रिटर्न
NPS वात्सल्य योजना में मिलने वाले रिटर्न बाजार से जुड़े होते हैं, यानी निश्चित नहीं होते। फिर भी, अब तक के आंकड़ों के अनुसार, NPS इक्विटी फंड्स ने सालाना लगभग 10-12% और डेट फंड्स ने 6-8% रिटर्न दिए हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई ₹5,000 हर साल 10% की दर से निवेश करता है, तो समय के साथ यह रकम लाखों में बदल सकती है।
परिपक्वता पर मिलने वाले लाभ
जब खाता धारक 60 वर्ष का होता है, तो वह NPS में जमा राशि का 60% हिस्सा एकमुश्त टैक्स-फ्री निकाल सकता है। बाकी 40% राशि से उसे एक एन्युटी (पेंशन) खरीदनी होगी l जिससे उसे जीवन भर नियमित आमदनी मिलेगी। अगर कुल राशि ₹5 लाख या उससे कम है, तो पूरी रकम निकाली जा सकती है। इस तरह यह योजना रिटायरमेंट के समय आर्थिक सहारा बनती है।
टैक्स लाभ (धारा 80CCD के अंतर्गत)
इस योजना में किए गए योगदान पर टैक्स छूट मिलती है। धारा 80CCD(1) के अंतर्गत ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है और धारा 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 अतिरिक्त छूट मिलती है। यानी कुल ₹2 लाख तक की छूट ली जा सकती है। यह टैक्स लाभ उस अभिभावक को मिलता है जो निवेश करता है, न कि बच्चे को।
निवेश विकल्प – एक्टिव और ऑटो चॉइस
इस योजना में दो निवेश विकल्प मिलते हैं – एक्टिव चॉइस और ऑटो चॉइस। एक्टिव चॉइस में अभिभावक खुद तय करते हैं कि कितना पैसा इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड्स और सरकारी प्रतिभूतियों में लगाया जाए। वहीं, ऑटो चॉइस में निवेश बच्चे की उम्र के अनुसार अपने-आप बदलता है l शुरुआत में ज़्यादा इक्विटी और धीरे-धीरे सुरक्षित विकल्पों की ओर झुकाव। इससे जोखिम और रिटर्न का संतुलन बना रहता है।
लाभकारी क्यों है?
NPS वात्सल्य योजना इसलिए लाभकारी है क्योंकि इसकी लागत बहुत कम है और यह लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देती है। फंड मैनेजमेंट फीस केवल 0.01% से 0.09% के बीच होती है, जिससे ज़्यादा पैसा निवेश में ही लगा रहता है। अगर कोई ₹2,000 हर महीने 10% की दर से निवेश करता है, तो 60 साल की उम्र तक यह रकम ₹1 करोड़ से भी ज़्यादा हो सकती है। नियमित निवेश और चक्रवृद्धि का फायदा इसे एक मज़बूत धन-संग्रहण योजना बनाता है।
NPS वात्सल्य योजना – सारांश तालिका
विशेषता | विवरण |
योजना का उद्देश्य | बच्चों का आर्थिक भविष्य सुरक्षित करना, विशेषकर अनाथ बच्चों के लिए |
उम्र सीमा | 18 वर्ष से कम आयु के सभी भारतीय बच्चे (नाबालिग) |
योगदानकर्ता | माता-पिता, कानूनी संरक्षक या कोर्ट द्वारा नियुक्त संरक्षक |
न्यूनतम वार्षिक निवेश | ₹1,000 प्रति वर्ष |
अधिकतम निवेश सीमा | कोई सीमा नहीं – अपनी क्षमता अनुसार निवेश किया जा सकता है |
निवेश अवधि | बच्चे के नाबालिग रहने तक (18 वर्ष की आयु तक) |
18 वर्ष के बाद क्या होगा | खाता सामान्य NPS खाते में बदल जाता है और 60 वर्ष तक जारी रहता है |
निवेश विकल्प | एक्टिव चॉइस और ऑटो चॉइस (बाजार आधारित निवेश) |
अपेक्षित रिटर्न | इक्विटी फंड्स में 10-12% वार्षिक, डेट फंड्स में 6-8% अनुमानित |
परिपक्वता पर लाभ | 60% राशि टैक्स-फ्री निकासी, 40% से पेंशन हेतु एन्युटी खरीद |
₹5 लाख या उससे कम राशि पर | पूरी राशि टैक्स-फ्री निकाली जा सकती है |
टैक्स लाभ | ₹1.5 लाख (धारा 80CCD(1)) + ₹50,000 (80CCD(1B)) = ₹2 लाख तक छूट |
लागत (फीस) | बहुत कम – 0.01% से 0.09% तक |
मुख्य लाभ | कम लागत, लंबी अवधि में चक्रवृद्धि लाभ, टैक्स बचत, जीवनभर पेंशन |

निकासी के नियम, नॉमिनी और खाता प्रबंधन
निकासी के नियम:
NPS वात्सल्य योजना में जब तक बच्चा 18 साल का नहीं होता, तब तक कोई निकासी की अनुमति नहीं होती। इसका उद्देश्य यह है कि निवेश बिना बाधा के बढ़ता रहे। जैसे ही बच्चा 18 वर्ष का हो जाता है, खाता सामान्य NPS खाते में बदल जाता है। फिर सामान्य निकासी नियम लागू होते हैं।
तीन साल बाद, कुछ विशेष जरूरतों जैसे शिक्षा या मेडिकल इमरजेंसी के लिए 25% तक की निकासी की अनुमति होती है। जब व्यक्ति 60 वर्ष का होता है, तब कुल फंड का 60% हिस्सा टैक्स-फ्री निकाला जा सकता है। जबकि बाकी 40% से पेंशन हेतु एन्युटी लेनी होती है। अगर पूरी राशि ₹5 लाख या उससे कम है, तो पूरी निकासी एक साथ की जा सकती है।
नॉमिनी से जुड़ी जानकारी:
जब अभिभावक खाता खोलते हैं, तो वे नॉमिनी नियुक्त कर सकते हैं। यदि बच्चे की मृत्यु खाता परिपक्व होने से पहले हो जाती है, तो वही नॉमिनी उस फंड का लाभार्थी होता है। जबकि खाता नाबालिग के नाम पर होता है, प्रबंधन संरक्षक करता है। 18 साल की उम्र के बाद, बच्चा नॉमिनी को स्वयं अपडेट कर सकता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि फंड सुरक्षित तरीके से ट्रांसफर हो।
खाता प्रबंधन:
इस खाते को सक्रिय बनाए रखने के लिए हर साल कम से कम ₹1,000 का योगदान जरूरी है। बच्चा जब तक 18 साल का नहीं होता, तब तक उसका संरक्षक ही सभी निवेश निर्णय और योगदान प्रबंधन करता है। अगर किसी वर्ष योगदान नहीं होता, तो कोई जुर्माना नहीं है, लेकिन नियमित निवेश से फायदा अधिक होता है। इस योजना में फंड मैनेजमेंट फीस बहुत ही कम है – केवल 0.01% से 0.09% तक। 18 वर्ष के बाद, बच्चा स्वयं खाता संभाल सकता है। उसे जारी रखने या बदलाव करने का फैसला ले सकता है।
📋 पात्रता और आवेदन प्रक्रिया – NPS Vatsalya (NPS वात्सल्य योजना)
पात्रता:
यह योजना 18 वर्ष से कम उम्र के सभी भारतीय बच्चों के लिए है – चाहे वे निवासी हों, अनिवासी (NRI) हों। अनाथ बच्चों के लिए भी यह योजना विशेष रूप से उपयुक्त है। उनके लिए अदालत द्वारा नियुक्त संरक्षक आवेदन कर सकते हैं। एक बच्चे के नाम पर केवल एक ही NPS Vatsalya खाता खोला जा सकता है।
कैसे करें आवेदन:
आप किसी भी पंजीकृत बैंक (जैसे SBI, ICICI) या इंडिया पोस्ट (PoP) पर जाकर ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन फॉर्म के साथ बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र और अभिभावक का KYC डॉक्यूमेंट जमा करें। कम-से-कम ₹1,000 की प्रारंभिक राशि देकर खाता सक्रिय किया जा सकता है। आवेदन के समय निवेश विकल्प (Active या Auto) चुनें और नॉमिनी का नाम भी दर्ज करें।
ऑनलाइन विकल्प:
आप चाहें तो e-NPS पोर्टल के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं जहाँ डिजिटल KYC और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा है।
📑 ज़रूरी दस्तावेज़
- बच्चे की पहचान: जन्म प्रमाणपत्र या आधार कार्ड
- संरक्षक की पहचान: आधार, पैन कार्ड या पासपोर्ट
- पता प्रमाण: बिजली बिल, वोटर ID या आधार
- फोटो: अभिभावक और बच्चे की पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक विवरण: कैंसिल चेक या पासबुक की कॉपी
🏦 ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रक्रिया और शुल्क
- ऑनलाइन आवेदन: eNPS वेबसाइट से (https://enps.nsdl.com/eNPS/NationalPensionSystem.html)
- ऑफलाइन आवेदन: बैंक या पोस्ट ऑफिस जाकर
- पंजीकरण शुल्क: ₹200 से ₹400 के बीच (सेवा प्रदाता पर निर्भर)
- योगदान शुल्क: ₹18 से शुरू, CRA के अनुसार अलग-अलग
🏛️ PFRDA की भूमिका
PFRDA (पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण) इस योजना का नियमन करता है। यह यह सुनिश्चित करता है कि योजना पारदर्शी, कम लागत वाली और बच्चों के लिए सुरक्षित हो। PFRDA फंड मैनेजरों और रिकॉर्ड-कीपिंग एजेंसियों को पंजीकृत करता है और उनकी निगरानी करता है। यह योजना के सुचारु संचालन और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश भी तय करता है।
NPS Vatsalya कैसे अलग या बेहतर है
NPS वत्सल्य रिटायरमेंट पर ध्यान देता है, जिसमें 75% तक इक्विटी निवेश हो सकता है। इससे 10-14% तक रिटर्न मिलने की संभावना होती है। इसकी वार्षिक न्यूनतम राशि केवल 1,000 रुपये है। कोई अधिकतम सीमा नहीं है। यह 18 साल के बाद नियमित NPS में बदल जाता है। SSY और PPF से अलग, यह बाजार से जुड़ी वृद्धि देता है लेकिन 60 साल तक निकासी सीमित है। इसलिए, छोटे समय के लिए SIP जितना लचीला नहीं है।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
SSY 10 साल से कम उम्र की लड़कियों के लिए है। जिसमें 8.2% फिक्स्ड ब्याज मिलता है। इसमें 21 साल की लॉक-इन अवधि होती है और 18 साल पर आंशिक निकासी संभव है। सालाना जमा 250 रुपये से लेकर 1.5 लाख तक हो सकता है। यह टैक्स मुक्त रिटर्न देता है लेकिन इसमें इक्विटी निवेश नहीं होता।
बच्चे के नाम पर PPF
PPF में 7.1% फिक्स्ड ब्याज मिलता है और 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है। माता-पिता इसे नाबालिगों के लिए खोल सकते हैं, जिसमें सालाना 500 से 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं। यह सुरक्षित और टैक्स मुक्त है, लेकिन रिटर्न इक्विटी से कम होता है। निकासी सिर्फ परिपक्वता पर ही संभव है।
म्यूचुअल फंड SIPs
SIP में इक्विटी या हाइब्रिड फंड्स में लचीले निवेश की सुविधा होती है, जो 100 रुपये से शुरू होते हैं। रिटर्न 12-15% तक हो सकते हैं, लेकिन बाजार जोखिम भी होता है। 5 साल की लॉक-इन के बाद पूरी तरलता मिलती है। ये विभिन्न वित्तीय लक्ष्यों के लिए उपयुक्त हैं।
फायदे और सावधानियां
लंबी अवधि की वित्तीय सुरक्षा
NPS वत्सल्य अनुशासित बचत के जरिए रिटायरमेंट फंड बनाता है। इक्विटी निवेश से लंबे समय में अच्छे रिटर्न मिलते हैं। यह 60 साल के बाद आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करता है।
जल्दी पेंशन योजना की आदत
छोटे बच्चों को बचत की आदत जल्दी लग जाती है। नियमित योगदान से वित्तीय अनुशासन सिखता है। इससे भविष्य में पेंशन योजना आसान हो जाती है।
बाजार से जुड़े जोखिम
NPS वत्सल्य में इक्विटी निवेश के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव का खतरा रहता है। रिटर्न फिक्स्ड योजनाओं की तरह निश्चित नहीं होते। आर्थिक मंदी में फंड की कीमत घट सकती है।
निकासी नियम और तरलता
निकासी 60 साल तक सीमित है, जिससे तरलता कम हो जाती है। केवल कुछ खास जरूरतों के लिए 20% आंशिक निकासी संभव है। इससे छोटे लक्ष्य के लिए लचीलापन कम होता है।
NPS वत्सल्य का महत्व और प्रभाव
NPS वत्सल्य बच्चों के लिए जल्दी रिटायरमेंट योजना को बढ़ावा देता है और वित्तीय अनुशासन सिखाता है। इसकी बाजार से जुड़ी योजनाएं लंबे समय में बेहतर रिटर्न देती हैं। यह पारंपरिक फिक्स्ड इनकम योजनाओं से आगे निकलता है। बचत की संस्कृति को बढ़ावा देकर यह युवा भारत के लिए धन संचय में बड़ा योगदान देता है।
क्या यह योजना आपके बच्चे के लिए सही है?
NPS वत्सल्य उन माता-पिता के लिए सही है जो बच्चों के लिए लंबी अवधि की रिटायरमेंट बचत करना चाहते हैं। इसमें इक्विटी निवेश से अच्छे रिटर्न मिलते हैं पर प्रतिबद्धता जरूरी है। निकासी सीमाओं के कारण यह छोटे समय के लक्ष्यों के लिए कम उपयुक्त है।
कौन इसमें निवेश करे?
जो माता-पिता 20 साल से अधिक निवेश करना चाहते हैं, उन्हें यह योजना देखनी चाहिए। जो बाजार जोखिम सहन कर सकते हैं और टैक्स लाभ चाहते हैं, उनके लिए भी यह अच्छी योजना है। यह उन अनुशासित बचत करने वालों के लिए सबसे बेहतर है जो पेंशन योजना को प्राथमिकता देते हैं।
अंतिम सुझाव और सलाह
NPS वत्सल्य रिटायरमेंट-फोकस्ड बचत के लिए एक मजबूत विकल्प है। इसे तरल निवेश के साथ संतुलित करें ताकि लचीलापन बना रहे। अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार सलाहकार से सलाह अवश्य लें।
For more information and account opening visit
https://enps.nsdl.com/eNPS/NationalPensionSystem.html
https://www.icicibank.com/blogs/nps/nps-vatsalaya-scheme
https://www.myscheme.gov.in/schemes/npsvs
https://www.hdfcbank.com/personal/invest/nps-national-pension-system/nps-vatsalya
https://www.thehindu.com/news/national/nps-vatsalaya-scheme-launched-how-to-apply/article68655958.ece
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
NPS वात्सल्य योजना क्या है, और इसे कौन खोल सकता है?
NPS वात्सल्य एक पेंशन योजना है जो 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए है। माता-पिता या विधिक अभिभावक इसे अपने बच्चे के रिटायरमेंट बचत के लिए खोल सकते हैं।
NPS वात्सल्य योजना में न्यूनतम और अधिकतम योगदान राशि क्या है?
न्यूनतम वार्षिक योगदान ₹1,000 है अधिकतम की कोई सीमा नहीं है। कभी भी, किसी भी राशि में योगदान किया जा सकता है, बशर्ते सालाना न्यूनतम पूरा हो।
क्या बच्चा 18 वर्ष का होने के बाद NPS वात्सल्य खाता जारी रह सकता है?
हाँ, जब बच्चा 18 साल का हो जाता है, तब यह खाता स्वतः नियमित NPS खाते में बदल जाता है और निर्बाध रूप से जारी रहता है।
क्या NPS वात्सल्य में टैक्स लाभ मिलता है?
हाँ, अभिभावकों द्वारा किए गए योगदान पर धारा 80C के अंतर्गत सालाना ₹1.5 लाख तक टैक्स छूट मिलती है । (कुछ शर्तों के अधीन)।
Disclaimer
यह रिपोर्ट तकनीकी, आर्थिक और सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर “Aalekhi (आलेखी)” संपादकीय टीम द्वारा तैयार की गई है। इसमें प्रस्तुत कुछ विश्लेषण, तुलना और संभावनाएं आलेखी के संपादकों की स्वतंत्र राय पर आधारित हैं।
यह सामग्री किसी सरकारी निकाय, कंपनी या सेवा प्रदाता की आधिकारिक घोषणा नहीं मानी जानी चाहिए। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी आर्थिक, तकनीकी या निवेश संबंधी निर्णय से पहले प्रामाणिक स्रोतों से सत्यापन अवश्य करें।
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