Crypto currency समझें: 3 क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी

सोचिए आपका कोई दोस्त यह दावा करता है कि उसने 2020 में ₹1 लाख बिटकॉइन में लगाकर अब ₹20 लाख बना लिए हैं। क्रिप्टो में ज़बरदस्त उछाल आया है, और मई 2025 में बिटकॉइन ₹9,526,061.60 ($112,509.65) तक पहुंच गया, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग इससे आकर्षित हुए हैं।

यह लेख उन लोगों के लिए है जो शुरुआत कर रहे हैं और क्रिप्टो को समझना चाहते हैं। इसमें इसकी बुनियादी बातें, ब्लॉकचेन तकनीक, इसके प्रकार, भारत और दुनिया में कानूनी स्थिति, और भारत में निवेश के लिए जरूरी कदमों की जानकारी दी जाएगी। हम क्रिप्टो की तुलना पारंपरिक मुद्रा से करेंगे, धोखाधड़ी की घटनाओं को समझेंगे। अंत तक आप क्रिप्टो की संभावनाएं, जोखिम और एक भारतीय को क्या करना चाहिए, यह सब समझ सकेंगे।

यह aricle केवल जानकारी के लिए है, वित्तीय सलाह नहीं है। crypto में ऊंचे जोखिम होते हैं, जैसे अस्थिरता और धोखाधड़ी, और भारत में इसका कानूनी ढांचा अभी विकसित हो रहा है। निवेश से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें और स्थानीय नियम ज़रूर जांचें।

आज की वित्तीय दुनिया को क्रिप्टो पूरी तरह से बदल रहा है, क्योंकि यह बैंकों को बीच से हटाकर उपयोगकर्ताओं को सीधा नियंत्रण दे रहा है। वैश्विक भुगतान से लेकर डिजिटल कला तक, इसके उपयोग काफी बढ़ चुके हैं और लोग इसे नई-नई जगहों पर अपना रहे हैं। उदाहरण के लिए वेनेजुएला में, जहां देश की मुद्रा ध्वस्त हो गई, लोग अपना पैसा सुरक्षित रखने के लिए क्रिप्टो का उपयोग कर रहे हैं। क्रिप्टो को समझना भविष्य की ओर एक समझदारी भरा और जरूरी कदम है। तो चलिए, इसकी गहराई में उतरते हैं।

Crypto Currency

Crypto क्यों ज़रूरी है

क्रिप्टो वित्तीय आज़ादी देता है, जैसे बिना ज़्यादा शुल्क के दुनिया में कहीं भी पैसा भेजना। यह उन क्षेत्रों में मदद करता है जहाँ बैंकिंग सुविधाएं सीमित हैं और NFTs जैसी नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देता है। इसका decentralized रूप पारंपरिक सिस्टम को चुनौती देता है, इसलिए यह आज के समय में जानना ज़रूरी विषय बन गया है।

Crypto currency क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जो cryptography यानी जटिल कोड से सुरक्षित होती है। यह रुपये या डॉलर की तरह भौतिक नहीं होती, केवल ऑनलाइन मौजूद रहती है और बैंकों या सरकारों के बिना काम करती है।

Crypto की मुख्य विशेषताएँ

  • Decentralized – विकेंद्रीकृत:
    इसे कोई केंद्रीय संस्था, जैसे बैंक, नियंत्रित नहीं करती। पूरी दुनिया के हजारों कंप्यूटर (nodes) इसका संचालन करते हैं।
    उदाहरण: Bitcoin के 10,000+ नोड्स इसे किसी भी सरकार से सुरक्षित रखते हैं।
  • Digital – डिजिटल:
    क्रिप्टो केवल डिजिटल रूप में होता है, जो wallets में apps की मदद से रखा और इस्तेमाल किया जाता है।
  • Secure – सुरक्षित:
    cryptography से हर transaction सुरक्षित होता है, जिसे हैक करना लगभग असंभव है।
    उदाहरण: Bitcoin की encryption को तोड़ने में अरबों साल लग सकते हैं।
  • Transparent – पारदर्शी:
    सभी लेनदेन एक सार्वजनिक लेज़र पर होते हैं, जिन्हें Blockchain.com पर देखा जा सकता है। identities गुप्त कोड्स में होती हैं।
  • Peer-to-Peer – सीधे व्यक्ति से व्यक्ति तक:
    क्रिप्टो को आप सीधे किसी को भेज सकते हैं, जैसे नकद पैसा देना।
    उदाहरण: Ethereum ट्रांसफर में बैंक फीस नहीं लगती।

व्यावहारिक सुझाव

हमेशा भरोसेमंद स्रोतों से जानकारी लें। ऐसे धोखेबाज़ स्कैम्स से दूर रहें जो जल्दी अमीर बनने का वादा करते हैं।

Crypto 1

Crypto currency और पारंपरिक मुद्रा में अंतर

क्रिप्टो एक साझा डिजिटल नोटबुक की तरह है। सभी लोग उसमें एंट्री देख सकते हैं, लेकिन उसमें कुछ नया जोड़ने के लिए आपकी सीक्रेट key चाहिए होती है। यह नोटबुक कभी मिटती नहीं, जिससे भरोसेमंद रिकॉर्ड बने रहते हैं।
Bitcoin को 2009 में Satoshi Nakamoto नाम के व्यक्ति या समूह ने बनाया था। यह 2008 की वित्तीय मंदी के बाद एक ऐसा सिस्टम लाने के लिए शुरू हुआ जिसमें बैंकों की ज़रूरत न हो। 2025 तक 20,000 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी हैं, जिनमें हर एक का अपना उद्देश्य है।

नियंत्रण

  • Traditional Money – पारंपरिक मुद्रा:
    केंद्रीय बैंक जैसे RBI इसे नियंत्रित करते हैं। वे मुद्रा छापते हैं और नीतियाँ तय करते हैं।
    उदाहरण: RBI रुपये की आपूर्ति घटाकर या बढ़ाकर महंगाई को नियंत्रित करता है।
  • Cryptocurrency – क्रिप्टोकरेंसी:
    decentralized नेटवर्क इसे संचालित करते हैं। कोई एक संस्था Bitcoin को नहीं चलाती; हजारों नोड्स इसे maintain करते हैं।

रूप

  • Traditional Money – पारंपरिक मुद्रा:
    यह नोट, सिक्के और डिजिटल बैंक रिकॉर्ड के रूप में होता है।
    उदाहरण: ₹500 का नोट आपके हाथ में हो सकता है या आप बैलेंस ऑनलाइन देख सकते हैं।
  • Cryptocurrency – क्रिप्टोकरेंसी:
    यह पूरी तरह डिजिटल होती है, wallets में रहती है और इसका कोई भौतिक रूप नहीं होता।

Transactions – लेनदेन

  • Traditional Money – पारंपरिक मुद्रा:
    लेनदेन बैंकों या Visa जैसी संस्थाओं से होते हैं, जिनमें शुल्क लगता है और समय भी।
    उदाहरण: ₹10,000 अमेरिका भेजने में ₹500 का शुल्क और 2–3 दिन लग सकते हैं।
  • Cryptocurrency – क्रिप्टोकरेंसी:
    peer-to-peer ट्रांसफर सीधे होते हैं, अक्सर कुछ मिनटों में, और कम शुल्क पर।
    उदाहरण: ₹10,000 का Bitcoin ट्रांसफर ₹100 में, 10 मिनट में पूरा हो सकता है।

पारदर्शिता

  • Traditional Money – पारंपरिक मुद्रा:
    बैंक लेनदेन निजी होते हैं, जो केवल ग्राहक और बैंक ही देख सकते हैं।
  • Cryptocurrency – क्रिप्टोकरेंसी:
    ट्रांज़ैक्शन पब्लिक blockchain पर दर्ज होते हैं, लेकिन identities कोड्स में छिपे रहते हैं।

आपूर्ति

  • Traditional Money – पारंपरिक मुद्रा:
    केंद्रीय बैंक कितनी भी मुद्रा छाप सकते हैं, जिससे महंगाई बढ़ सकती है।
    उदाहरण: 2020 में stimulus पैकेज से global money supply बढ़ी और कई currencies की value घटी।
  • Cryptocurrency – क्रिप्टोकरेंसी:
    कई क्रिप्टोकरेंसी की आपूर्ति सीमित होती है।
    उदाहरण: Bitcoin की अधिकतम सप्लाई 21 मिलियन coins है, जिससे इसकी कमी बनी रहती है।

उदाहरण

2023 में भारत का एक freelancer अमेरिका से ₹50,000 USDT में तुरंत भुगतान पा गया, जिससे बैंक की देरी और शुल्क से बचा। वहीं पारंपरिक बैंक ट्रांसफर में 3 दिन लगे और ₹1,000 का शुल्क देना पड़ा।

अब जानते हैं blockchain के बारे में, जो क्रिप्टो के पीछे की मुख्य तकनीक है।

Crypto के पीछे की तकनीक: ब्लॉकचेन

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन पर चलती है, जो एक सुरक्षित डिजिटल रिकॉर्ड है जो कंप्यूटर्स के बीच साझा होता है। यह एक सार्वजनिक नोटबुक की तरह है जो हर लेनदेन को स्थायी रूप से दर्ज करती है। आइए इसे उदाहरण, इतिहास और सुझावों के साथ समझते हैं।

ब्लॉकचेन क्या है

ब्लॉकचेन एक साझा रिकॉर्ड है, जैसे Google Doc जिसे कोई अकेले एडिट नहीं कर सकता। यह blocks से बना होता है जो लेनदेन की जानकारी रखते हैं और एक चेन में जुड़े रहते हैं।

  • Blocks – ब्लॉक्स:
    हर block लेनदेन, एक टाइमस्टैम्प और एक खास hash कोड रखता है।
    उदाहरण: एक Bitcoin ब्लॉक में लगभग 2,000 लेनदेन होते हैं, जैसे अनिल अग्रवाल का किसी को 0.1 BTC भेजना।
  • Chaining – चेनिंग:
    हर block का hash पिछले block से जुड़ा होता है, जिससे एक मज़बूत chain बनती है। अगर कोई एक block बदलता है तो पूरी chain टूटती है और nodes को अलर्ट मिल जाता है।
  • Decentralization – विकेंद्रीकरण:
    हज़ारों nodes ब्लॉकचेन की एक जैसी कॉपी रखते हैं।
    उदाहरण: 2025 में Ethereum के पास 6,000+ नोड्स हैं, जिससे हैकिंग लगभग असंभव है।

इतिहास

ब्लॉकचेन की शुरुआत 2009 में Bitcoin से हुई थी ताकि डबल खर्च को रोका जा सके। Satoshi के whitepaper से प्रेरित होकर Ethereum (2015) और Solana (2020) आए, जिन्होंने ब्लॉकचेन के उपयोग को बढ़ाया।

ट्रांजैक्शन कैसे होता है

मान लीजिए अनिल अग्रवाल किसी को 0.5 Ethereum भेजते हैं:

  • अनिल अग्रवाल अपने app से सामने वाले के wallet पते पर 0.5 ETH भेजते हैं
  • ट्रांजैक्शन Ethereum नेटवर्क पर broadcast होता है
  • Validators (Proof of Stake) अनिल अग्रवाल की राशि की पुष्टि करते हैं
  • यह ट्रांजैक्शन एक नए block में जुड़ता है, जो लगभग हर 12 सेकंड में बनता है
  • block ब्लॉकचेन से जुड़ जाता है और ट्रांसफर पूरा हो जाता है

यह तेज़ और सुरक्षित है। उदाहरण: ₹10,000 का Bitcoin ट्रांसफर कुछ मिनटों में हो सकता है, जबकि बैंक ट्रांसफर में दिन लगते हैं।

Practical Tip – व्यावहारिक सुझाव:
लेनदेन सीखने के लिए Ethereum के Sepolia टेस्ट नेटवर्क पर अभ्यास करें, बिना असली पैसा लगाए।

बिटकॉइन से आगे: क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

Bitcoin ने crypto की शुरुआत की, लेकिन 2025 में 20,000 से ज्यादा coins मौजूद हैं, हर एक का अपना अलग रोल है। नीचे मुख्य प्रकार, उनके price history (जनवरी 2020–मई 2025), उदाहरण और सुझाव दिए गए हैं।

बिटकॉइन (BTC): अग्रदूत

Price History – कीमतें:
• जनवरी 2020: ₹2,77,060 ($3,870)
• मई 2025: ₹9,526,061.60 ($112,509.65)

Bitcoin, जिसे 2009 में Satoshi Nakamoto ने बनाया था, पहली क्रिप्टो currency है। इसे डिजिटल गोल्ड कहा जाता है क्योंकि इसकी 21 मिलियन coins की सीमा है। इसका इस्तेमाल भुगतान, निवेश या मुद्रास्फीति से बचाव के लिए होता है।

इतिहास: 2008 के आर्थिक संकट के बाद पैदा हुआ, Bitcoin ने 2013 में $1,000, 2021 में $69,000, और 2025 में $112,509.65 की कीमत छुई, ETF की मंजूरी से प्रेरित।

Ethereum (ETH)

Price History – कीमतें:
• जनवरी 2020: ₹9,081 ($127)
• मई 2025: ₹3,19,642 ($3,775)

2015 में Vitalik Buterin ने Ethereum लॉन्च किया। इसने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स पेश किए जो अपने आप अनुबंधों को पूरा करते हैं। ये freelancers को काम के बाद भुगतान कर सकते हैं। Ethereum DeFi और NFTs को सपोर्ट करता है।

Altcoins – ऑल्टकॉइन्स

  • Price History (उदाहरण):
  • Litecoin (LTC):
  • January 2020: ₹2,885 ($40)
  • May 2025: ₹13,233 ($156)
  • Ripple (XRP):
  • जनवरी 2020: ₹13 ($0.19)
  • मई 2025: ₹48 ($0.57)

Altcoins, जैसे Litecoin (तेजी से भुगतान) या Ripple (बैंक ट्रांसफर), खास जरूरतों को पूरा करते हैं।

Stablecoins – स्टेबलकॉइन्स

  • कीमतें:
  • USDT/USDC:
  • 2020 जनवरी: ~₹71 ($1, USD-पेग्ड)
  • 2025 मई : ~₹85 ($1, INR-एडजस्टेड)

Stablecoins जैसे USDT या USDC USD से जुड़े होते हैं, जिससे ट्रेडिंग या भुगतान में स्थिरता आती है।
उदाहरण: 2022 में USDC ने $1 ट्रिलियन के लेनदेन संभाले।
इतिहास: Tether (2014) ने stablecoins की शुरुआत की, 2024 में $80 बिलियन की मार्केट कैप, 2025 में $400 बिलियन तक बढ़ने की संभावना।
सुझाव: कम जोखिम वाले ट्रेडिंग के लिए stablecoins का उपयोग करें।

Memecoins – मीमकॉइन्स

  • Price History – कीमतें:
  • Dogecoin (DOGE):
  • जनवरी 2020: ₹0.16 ($0.002)
  • मई 2025: ₹30 ($0.35)

Memecoins जैसे Dogecoin सोशल मीडिया के हाइप पर आधारित होते हैं।
उदाहरण: 2021 में Elon Musk के ट्वीट्स से Dogecoin 10,000% बढ़ा, फिर गिरा।
इतिहास: Dogecoin (2013) ने Shiba Inu को प्रेरित किया। 2025 में $1 तक पहुंच सकता है।
सुझाव: Memecoins से बचें जब तक आप उच्च जोखिम लेने के लिए तैयार न हों।

Bitcoin (Custom)

जोखिम और सावधानियां

Crypto में अवसर हैं, पर चुनौतियां भी। मुख्य जोखिम और दो असली scams के उदाहरण नीचे हैं:

अस्थिरता

कीमतें तेजी से बदलती हैं। 2021 में Bitcoin ₹58 लाख से गिरकर ₹29 लाख हो गया।
Example: Ethereum 2021 में ₹3,65,000 ($4,300) से 2023 में ₹2,55,000 ($3,000) तक गिरा।
Practical Tip: केवल वो निवेश करें जो खोने के लिए तैयार हों। Dollar-cost averaging अपनाएं।

सुरक्षा

स्कैम और हैक wallets और एक्सचेंज को टार्गेट करते हैं।
Scam Example 1: Squid Game Token (2021) – यह memecoin $2,800 तक गया, फिर creators ने $3.4 मिलियन निकाल लिए और टोकन का मूल्य शून्य हो गया (rug pull scam)।
Scam Example 2: WazirX Hack (2024) – हैकर्स ने WazirX के hot wallet से $230 मिलियन Ethereum चोरी किया, जिससे भारतीय यूजर्स प्रभावित हुए। WazirX ने आंशिक रूप से नुकसान वापस किया।
Practical Tip: Two-factor authentication लगाएं, hype वाले नए coins से बचें, और cold wallets पसंद करें।

नियमों की अनिश्चितता

कानून अलग-अलग हैं। भारत में 2022 से 30% क्रिप्टो टैक्स लागू। पहले प्रतिबंध प्रस्तावित थे।
Example: चीन ने 2021 में क्रिप्टो ट्रेडिंग बैन कर दी, जिससे कीमतें नीचे गईं।
Practical Tip: India के क्रिप्टो कानून के लिए CoinDesk फॉलो करें। KYC/AML नियमों का पालन करें।

क्रिप्टो की विविधता अवसर प्रदान करती है। क्रिप्टोकरेन्सी डिजिटल मुद्रा है जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, जो एक सुरक्षित, पारदर्शी खाता-बही है। यह पारंपरिक पैसे से अलग है क्योंकि यह विकेंद्रीकृत, केवल डिजिटल और पारदर्शी होती है। हमने ब्लॉकचेन की सुरक्षा (क्रिप्टोग्राफी, अपरिवर्तनीयता), Bitcoin (₹9.53 लाख मई 2025 में) और Ethereum (₹3.2 लाख) जैसे प्रकार को कवर किया। भारतीय अब सावधानी से निवेश कर सकते हैं या 2026 की स्पष्टता तक इंतजार कर सकते हैं

Reference:

FAQ in Crypto Trading

Crypto Currency क्या होती है?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होती है। यह बिना किसी बैंक या सरकार के नियंत्रण के इंटरनेट पर ट्रांसफर और स्टोर की जाती है।

ब्लॉकचेन क्या है?

ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेज़र है जो सभी क्रिप्टो लेन-देन का रिकॉर्ड रखता है। यह पारदर्शी, सुरक्षित और छेड़छाड़ से मुक्त होता है।

क्या क्रिप्टो भारत में कानूनी है?

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से कानूनी नहीं है, लेकिन इसे ट्रेड करना संभव है। सरकार ने 30% टैक्स लागू किया है और नियमन अभी विकसित हो रहे हैं।

सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी कौन-कौन सी हैं?

सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin), एथेरियम (Ethereum), और बिनेंस कॉइन (Binance Coin) हैं।

क्रिप्टो वॉलेट क्या होता है?

क्रिप्टो वॉलेट डिजिटल टूल है जिसमें आपकी क्रिप्टोकरेंसी सुरक्षित रहती है। इसमें दो प्रकार होते हैं – हॉट वॉलेट (ऑनलाइन) और कोल्ड वॉलेट (ऑफ़लाइन)।

क्या क्रिप्टोकरेंसी से कोई टैक्स देना पड़ता है?

हां, भारत में क्रिप्टो से हुई आय पर 30% कैपिटल गेन टैक्स लगता है और 1% टीडीएस भी कटता है।

Disclaimer-

यह रिपोर्ट तकनीकी, आर्थिक और सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर “Aalekhi (आलेखी)” संपादकीय टीम द्वारा तैयार की गई है। इसमें प्रस्तुत कुछ विश्लेषण, तुलना और संभावनाएं आलेखी के संपादकों की स्वतंत्र राय पर आधारित हैं।

यह सामग्री किसी सरकारी निकाय, कंपनी या सेवा प्रदाता की आधिकारिक घोषणा नहीं मानी जानी चाहिए। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी आर्थिक, तकनीकी या निवेश संबंधी निर्णय से पहले प्रामाणिक स्रोतों से सत्यापन अवश्य करें।

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