टैक्स बचाने के लिए बेहतरीन ELSS Mutual Funds कैसे चुनें? 7 Important things
जैसे ही वित्तीय वर्ष खत्म होता है, कई लोग जल्दी में tax बचाने लगते हैं। वे जल्दबाज़ी में निवेश या दान करके deductions लेने की कोशिश करते हैं। हालांकि, सही tax planning आर्थिक स्थिरता के लिए बहुत ज़रूरी होती है। अगर आप पहले से योजना बनाएं, तो आखिरी समय का तनाव टाला जा सकता है। समझदारी से किए गए निवेश, जैसे tax-saving ELSS Mutual Funds या fixed deposits, tax liability को कम करते हैं। साथ ही, सही विकल्प आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप भी होते हैं। इसलिए, प्रभावी tax planning से न सिर्फ बचत होती है बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है।
ELSS Mutual Funds ऐसे लोकप्रिय साधन हैं जो दोहरा लाभ देते हैं – wealth creation और tax savings। Section 80C के तहत ELSS में ₹1.5 लाख तक की deduction मिल सकती है। इसके अलावा, ये funds market investment के ज़रिए अच्छे returns भी देते हैं। ELSS के माध्यम से आप आत्मविश्वास के साथ अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। इनकी flexibility और professional management निवेशकों को आकर्षित करती है। लेकिन ध्यान रहे, market investment में जोखिम होता है, इसलिए किसी financial advisor से सलाह ज़रूर लें।
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टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फण्ड क्या हैं?
ELSS Mutual Funds आपका पैसा equity में लगाते हैं और tax बचाते हैं। ये Section 80C के तहत deduction के लिए योग्य होते हैं।
ELSS Mutual Funds की मुख्य विशेषताएँ:
- Lock-in Period: ELSS में 3 साल का lock-in होता है, जो disciplined investment को बढ़ावा देता है।
- Equity-Oriented: इन funds का पैसा shares में लगाया जाता है, ताकि बेहतर returns मिल सकें।
- Tax Deduction: Section 80C के अंतर्गत ₹1.5 लाख तक की tax छूट मिलती है।
अन्य Fund और ELSS Mutual Funds में अंतर:
ELSS में 3 साल का निश्चित lock-in होता है, जबकि अन्य mutual funds में यह नहीं होता। ELSS मुख्य रूप से tax saving और equity investment पर ध्यान देता है, जबकि बाकी funds में न तो tax benefit होता है और न ही कोई निर्धारित lock-in होता है।
कैसे काम करते है ELSS Mutual Funds ?
ELSS आपका पैसा equity market में निवेश करता है ताकि long-term growth मिले। निवेश करते समय आपकी राशि 3 साल के लिए lock हो जाती है। अनुभवी fund managers आपके लिए stocks का चुनाव करते हैं ताकि returns बेहतर मिलें। साथ ही, Section 80C के तहत मिलने वाली tax छूट से आपकी taxable income कम होती है।

ELSS Mutual Funds में निवेश के लाभ
टैक्स में कटौती
ELSS में Section 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की tax छूट मिलती है। इससे आपकी taxable income कम होती है और आप सालाना ₹46,800 तक की बचत कर सकते हैं, जो आपके tax slab पर निर्भर करता है।
सबसे छोटा Lock-in:
ELSS में सिर्फ 3 साल का lock-in होता है, जो Section 80C की सभी योजनाओं में सबसे कम है। PPF या NSC जैसी योजनाओं में lock-in लंबा होता है, जबकि ELSS जल्दी फंड्स तक पहुंच की सुविधा देता है। इसलिए यह लचीली योजना बन जाती है।
उच्च Return की संभावना:
ELSS equity-oriented होता है, यानी इसमें shares में निवेश किया जाता है। इस वजह से, ये fixed-income विकल्पों की तुलना में बेहतर returns दे सकता है। हालांकि, returns पूरी तरह market performance पर निर्भर करते हैं।
SIP की सुविधा:
Systematic Investment Plan (SIP) के ज़रिए आप ELSS में हर महीने छोटे अमाउंट से निवेश कर सकते हैं। ₹500 महीने से शुरुआत की जा सकती है, जो इसे सस्ती और नियमित saving की आदत को बढ़ावा देने वाली योजना बनाता है।
दोहरा लाभ
ELSS में निवेश से आपको tax saving के साथ-साथ wealth creation का भी लाभ मिलता है। यानी आप tax भी बचाते हैं और लंबी अवधि में आर्थिक वृद्धि की दिशा में कदम भी बढ़ाते हैं। यही दोहरा लाभ कई निवेशकों को आकर्षित करता है।
पेशेवर प्रबंधन
ELSS funds का प्रबंधन अनुभवी fund managers द्वारा किया जाता है। वे संभावनाओं वाले stocks को चुनते हैं ताकि returns ज़्यादा मिलें और जोखिम कम रहे। इससे व्यक्तिगत निवेशकों पर बोझ कम हो जाता है।
विविधीकरण
अलग-अलग कंपनियों और सेक्टर्स में ELSS का पैसा लगाया जाता है, जिससे जोखिम घटता है। diversification से खराब प्रदर्शन करने वाले stocks का असर कुल निवेश पर कम पड़ता है और निवेश ज्यादा स्थिर बनता है।

ELSS Mutual Funds को Section 80C की अन्य योजनाओं से बेहतर क्यों माना जाए?
Equity-Linked Savings Scheme(ELSS) Section 80C की विभिन्न योजनाओं में अपनी खास खूबियों की वजह से अलग दिखाई देता है। सबसे पहले, इसमें केवल 3 साल का lock-in होता है, जबकि PPF या Tax-saving FD जैसी योजनाओं में यह 5 से 15 साल तक का होता है। इससे निवेशकों को अपने पैसों तक जल्दी पहुंचने की सुविधा मिलती है, जो इसे ज़्यादा flexible बनाता है। दूसरा बड़ा कारण है इसका return potential, जो equity निवेश के ज़रिए बहुत ज़्यादा हो सकता है।
जहां fixed-income योजनाएं सीमित return देती हैं, वहीं ELSS में market-linked निवेश समय के साथ तेज़ी से बढ़ सकता है। इसलिए जिन निवेशकों को बेहतर returns और कम समय में liquidity चाहिए, उनके लिए ELSS एक आकर्षक विकल्प बन जाता है। इसके अलावा, SIP की सुविधा, professional fund management और diversification जैसे फायदे इसे और भी मजबूत विकल्प बनाते हैं। यही वजह है कि ELSS आज के समय में Section 80C के अंतर्गत सबसे पसंदीदा tax-saving विकल्पों में से एक बन चुका है।
Comparison Table: ELSS Mutual Funds बनाम अन्य Section 80C निवेश विकल्प
नीचे दी गई तालिका ELSS और अन्य Section 80C योजनाओं के बीच प्रमुख अंतर को दर्शाती है:
Investment | Lock-in Period | Returns Potential | Risk Level | Tax Treatment of Returns | Liquidity |
ELSS | 3 साल | 12-15% (market-linked) | Moderate | ₹1 लाख से अधिक LTCG पर 10% tax | 3 साल के बाद High |
PPF | 15 साल | 7-8% (fixed) | Low | Tax-free | 7 साल बाद आंशिक निकासी संभव |
Tax-Saving FDs | 5 साल | 6-7% (fixed) | Low | Income tax slab के अनुसार taxable | मैच्योरिटी से पहले निकासी नहीं |
NPS | 60 वर्ष की उम्र तक | 8-12% (market-linked) | Moderate | 40% राशि tax-free, बाकी taxable | निकासी सीमित, Liquidity बहुत कम |
NSC | 5 साल | 7-8% (fixed) | Low | Interest taxable | मैच्योरिटी से पहले निकासी नहीं |
Life Insurance Premiums | 5+ साल (विविध) | 4-6% (यदि कोई हो) | Low | शर्तों के अनुसार tax-free | Surrender करने पर penalties लगते हैं |
सही ELSS fund चुनना tax saving और wealth creation को अधिकतम करने के लिए बहुत ज़रूरी है। नीचे दिए गए प्रमुख कारकों के आधार पर आप सूझबूझ से निर्णय ले सकते हैं।
सही ELSS फंड कैसे चुनें?
ऐतिहासिक रिटर्न
किसी फंड के 3, 5 और 10 साल के returns को देखना उसके प्रदर्शन का रुझान दर्शाता है। यदि returns इन सभी अवधियों में स्थिर रहे हैं, तो यह अलग-अलग market परिस्थितियों में इसकी विश्वसनीयता दिखाता है। Nifty 50 या Sensex जैसे benchmarks से तुलना करें। अच्छे historical returns wealth creation की क्षमता दिखाते हैं। लेकिन, बीते प्रदर्शन से भविष्य की गारंटी नहीं मिलती, इसलिए इसे मार्गदर्शन के रूप में लें। इन रुझानों को समझने के लिए किसी financial advisor से सलाह लें।
व्यय अनुपात और फंड का आकार
Expense ratio वह वार्षिक शुल्क होता है जो फंड द्वारा लिया जाता है, और यह आपके returns को प्रभावित करता है। आदर्श रूप से 1.5% से कम expense ratio लंबे समय में आपके लाभ को बढ़ाता है। बड़े फंड जिनका AUM ज़्यादा होता है, आमतौर पर अधिक स्थिर और संसाधनों से भरपूर होते हैं। लेकिन बहुत बड़े फंड्स को फुर्ती बनाए रखने में मुश्किल हो सकती है। जांचें कि फंड का आकार प्रबंधन के लिहाज़ से उपयुक्त है या नहीं। ELSS श्रेणी में विभिन्न फंड्स की expense ratio की तुलना करें।
निरंतरता और फंड मैनेजर का पिछला प्रदर्शन
एक फंड का बाजार चक्रों में लगातार अच्छा प्रदर्शन उसकी मजबूती को दर्शाता है। देखें क्या यह bull और bear market दोनों में अपने साथियों से बेहतर रहा है। फंड मैनेजर का अनुभव और निर्णय लेने की क्षमता सफलता के लिए बेहद अहम होती है। उनकी track record की जांच करें, खासकर उन्होंने market volatility को कैसे संभाला। अगर उनकी investment philosophy आपके लक्ष्य से मेल खाती है, तो यह आपके लिए आश्वस्ति बढ़ाता है। स्थिर प्रबंधन वाले फंड्स पर ध्यान दें।
जोखिम लेने की क्षमता और निवेश क्षितिज
ELSS फंड equity-oriented होते हैं, जिसमें मध्यम से उच्च स्तर तक का market risk होता है। अपनी risk tolerance जांचें ताकि फंड की रणनीति आपके अनुकूल हो। उदाहरण के लिए, aggressive फंड high-risk निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं, जबकि balanced फंड conservative profiles के लिए बेहतर हैं। आपकी investment horizon कम से कम 5 साल होनी चाहिए क्योंकि इसमें 3 साल का lock-in होता है। फंड का equity allocation देखें ताकि वह आपकी सुविधा और योजना से मेल खाए।
SIP बनाम एकमुश्त निवेश रणनीति
SIPs छोटे-छोटे नियमित निवेश की सुविधा देते हैं, जिससे market timing का जोखिम कम होता है। ये खासतौर पर salaried लोगों या सीमित surplus वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं — ₹500 प्रति माह से शुरुआत की जा सकती है। Lump-sum निवेश उन लोगों के लिए ठीक है जिनके पास surplus funds हैं और market timing में आत्मविश्वास है। SIPs disciplined investing को बढ़ावा देते हैं और market volatility को average करते हैं। अपनी cash flow और निवेश अनुशासन के अनुसार विकल्प चुनें। अपने लक्ष्यों के लिए उपयुक्त तरीका तय करने हेतु advisor से सलाह लें।
निवेश लक्ष्य के साथ तालमेल
फंड की रणनीति आपके वित्तीय लक्ष्यों और risk tolerance से मेल खानी चाहिए। उच्च equity exposure वाले aggressive ELSS फंड लंबे समय के high-risk निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं। diversified portfolio वाले conservative फंड moderate-risk profiles के लिए बेहतर हैं। फंड का asset allocation जांचें ताकि वह आपके उद्देश्यों से मेल खाता हो। उदाहरण के लिए, mid-cap stocks पर केंद्रित फंड ज़्यादा जोखिम वाला हो सकता है, लेकिन अधिक growth भी दे सकता है। यह मेल सुनिश्चित करता है कि आपका निवेश आपके वित्तीय लक्ष्यों को सहयोग देता है।
फंड हाउस की प्रतिष्ठा
एक भरोसेमंद Asset Management Company (AMC) स्थिरता और विश्वास प्रदान करती है। HDFC या SBI जैसी स्थापित AMCs के पास मजबूत प्रक्रियाएं और संसाधन होते हैं। AMC की equity फंड्स और investor services में track record की जांच करें। एक मजबूत प्रतिष्ठा mismanagement और संचालन संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करती है। उनके फंड्स के performance में निरंतरता देखें। यह आपके ELSS निवेश में विश्वास बढ़ाता है।

ELSS रिटर्न्स पर टैक्स
कैपिटल गेन्स टैक्स की जानकारी
ELSS के returns पर Long-Term Capital Gains (LTCG) टैक्स लागू होता है। सालाना ₹1 लाख से अधिक के लाभ पर 10% टैक्स लगता है, indexation के बिना। उदाहरण के लिए, यदि आप units को बेचते हैं और ₹1.5 लाख का लाभ होता है, तो ₹50,000 पर 10% यानी ₹5,000 टैक्स लगेगा। यह 3 साल के lock-in के बाद लागू होता है। यह टैक्स दर अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में कम है। सटीक गणना के लिए किसी financial advisor से सलाह लें।
डिविडेंड इन्वेस्टर के हाथों में टैक्सेबल
ELSS फंड कभी-कभी dividend देते हैं, हालांकि अधिकांश निवेशक growth plans चुनते हैं। Dividend पर निवेशक के income tax slab के अनुसार टैक्स लगता है। उदाहरण के लिए, अगर आप 30% टैक्स ब्रैकेट में हैं, तो dividend पर भी 30% टैक्स लगेगा। यह लाभ प्राप्त होते ही लागू होता है, capital gains की तरह defer नहीं होता। निवेशकों को इसे अपने tax planning में शामिल करना चाहिए। टैक्स टालने के लिए growth विकल्प अधिक पसंद किए जाते हैं।
ELSS Mutual Funds अब भी tax-efficient विकल्प:
Section 80C के deductions और moderate टैक्सेशन के कारण ELSS अब भी tax-efficient विकल्प है। ₹1.5 लाख के निवेश पर आप सालाना ₹46,800 तक tax बचा सकते हैं। ₹1 लाख से अधिक के gains पर केवल 10% LTCG टैक्स लगता है, जो fixed deposits के slab-based टैक्स से कम है। 3 साल का lock-in लंबी अवधि में wealth creation को बढ़ावा देता है। Equity exposure से higher return की संभावना मिलती है, जो टैक्स के प्रभाव को संतुलित करती है। इस तरह ELSS tax बचत और growth का बेहतरीन संतुलन देता है।
ELSS Mutual Funds में निवेश कैसे करें
KYC Completion:
- अगर पहले से नहीं किया है तो KYC पूरा करें।
- PAN, Aadhaar और address proof जमा करें।
- KYC verification से नियमों का पालन सुनिश्चित होता है।
प्लेटफ़ॉर्म का चुनाव
- Direct फंड निवेश के लिए AMC websites का उपयोग करें।
- Groww जैसे online aggregators सुविधा प्रदान करते हैं। Financial advisors व्यक्तिगत मार्गदर्शन देते हैं।
- फीस और उपयोगकर्ता अनुभव के लिए platforms की तुलना करें।
- सुनिश्चित करें कि platform SEBI-registered हो।
SIP vs. Lump Sum
- SIPs से ₹500 जैसी छोटी राशि से नियमित निवेश संभव है।
- Rupee cost averaging से market volatility का जोखिम कम होता है।
- Lump-sum surplus funds या market dips के समय उपयोगी है।
- SIPs लंबे समय के अनुशासित निवेश को बढ़ावा देते हैं।
- अपनी cash flow और लक्ष्यों के अनुसार विकल्प चुनें।
Required Documents
- टैक्स और पहचान के लिए PAN card।
- Address और KYC के लिए Aadhaar।
- लेन-देन के लिए बैंक खाता विवरण।
- दस्तावेज़ वैध और अपडेटेड होने चाहिए।
- ज़रूरत अनुसार डिजिटल या फिजिकल रूप में जमा करें।
ELSS Mutual Funds के इन्वेस्टर्स के लिए टिप्स
फाइनेंशियल ईयर में जल्दी शुरू करें
मार्च की भीड़ से बचने के लिए अप्रैल में निवेश शुरू करें। जल्दी निवेश करने से टैक्स प्लानिंग और ग्रोथ का समय बढ़ता है। पूरे साल में निवेश फैलाने से आखिरी समय का तनाव कम होता है। Section 80C के तहत छूट आसानी से मिलती है। इससे फंड चयन सोच-समझकर किया जा सकता है।
एकमुश्त के बजाय SIP को प्राथमिकता दें
₹500 से शुरू होने वाले छोटे और नियमित निवेश के लिए SIP को चुनें। SIP से rupee cost averaging के ज़रिए जोखिम कम होता है। इससे मार्केट उतार-चढ़ाव का असर कम पड़ता है। Lump sum निवेश अस्थिर बाज़ार में ज़्यादा जोखिम भरा होता है। SIP से निवेश में अनुशासन बना रहता है।
लॉक-इन के तुरंत बाद रिडीम न करें
3 साल की लॉक-इन अवधि के तुरंत बाद फंड न निकालें। निवेश बनाए रखने से compounding के ज़रिए संपत्ति बढ़ती है। Equity funds लंबे समय में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। रिडीम करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्य ज़रूर जांचें। इससे ELSS की wealth creation क्षमता बढ़ती है।
ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म या रजिस्टर्ड एडवाइजर का उपयोग करें
SEBI-registered प्लेटफॉर्म जैसे Groww या AMC वेबसाइट से निवेश करें। ये पारदर्शिता और सुविधा प्रदान करते हैं। आप चाहें तो registered financial advisor से व्यक्तिगत सलाह भी ले सकते हैं। प्लेटफॉर्म सुरक्षित और उपयोग में आसान होना चाहिए। इससे निवेश प्रक्रिया सरल हो जाती है।
टैक्स नियोजन में विविधता
Section 80C छूट के लिए सिर्फ ELSS पर निर्भर न रहें। संतुलन के लिए PPF, NPS या insurance को शामिल करें। Diversification से जोखिम कम होता है और टैक्स बचत बेहतर होती है। हर विकल्प की लॉक-इन अवधि और रिटर्न ज़रूर जांचें। इससे मज़बूत वित्तीय रणनीति बनती है।
नियमित रूप से समीक्षा
साल में एक या दो बार अपने ELSS फंड का प्रदर्शन ज़रूर जांचें। रिटर्न, expense ratio और fund manager की consistency देखें। Nifty 50 जैसे benchmarks से तुलना करें। अगर फंड लगातार कमजोर प्रदर्शन करे तो बदलाव पर विचार करें। लेकिन बार-बार बदलाव से बचें।
पेशेवर से सलाह लें
निवेश से पहले certified financial advisor से सलाह ज़रूर लें। वे ELSS को आपके लक्ष्य और जोखिम प्रोफ़ाइल से मिलाकर सलाह देते हैं। वे टैक्स लाभ और फंड की उपयुक्तता को भी समझाते हैं। इससे फंड चयन में गलती कम होती है। प्रोफेशनल सलाह से आत्मविश्वास के साथ निवेश होता है।
बचने योग्य सामान्य गलतियाँ
निम्नलिखित वे सामान्य गलतियाँ हैं जिन्हें ELSS निवेश करते समय टालना चाहिए।
केवल पिछले रिटर्न के आधार पर फंड चुनना
केवल पिछले रिटर्न के आधार पर ELSS fund चुनना जोखिम भरा हो सकता है। पिछले प्रदर्शन से भविष्य की गारंटी नहीं मिलती। इसलिए expense ratio, fund manager का अनुभव और consistency को ज़रूर देखें। अन्य पहलुओं की अनदेखी से गलत mutual fund का चुनाव हो सकता है। विभिन्न market cycles में प्रदर्शन का विश्लेषण करें। फंड को holistic रूप से समझने के लिए advisor से सलाह लें।
लॉक-इन पीरियड और लिक्विडिटी नीड्स को अनदेखा करना
ELSS में 3 साल की अनिवार्य lock-in अवधि होती है। बिना योजना निवेश करने से पैसों की दिक्कत हो सकती है। निवेश से पहले अपनी liquidity ज़रूरतों का आकलन करें। अगर जल्दी पैसों की ज़रूरत है तो ELSS से बचें। निवेश आपके cash flow से मेल खाना चाहिए। सुनिश्चित करें कि short-term ज़रूरतें दूसरे liquid assets से पूरी हों।
वित्तीय लक्ष्यों को ELSS म्यूचुअल फंड के साथ संरेखित न करना
बिना किसी स्पष्ट उद्देश्य के ELSS में निवेश करना समझदारी नहीं है। ELSS retirement या education जैसे long-term लक्ष्यों के लिए उपयुक्त है। गलत लक्ष्य चुनने से ज़्यादा जोखिम उठाना पड़ सकता है। पहले अपना investment horizon और risk tolerance तय करें। ऐसा fund चुनें जो आपकी financial aspirations से मेल खाता हो। साल में एक बार अपने लक्ष्यों की समीक्षा ज़रूर करें।
बाजार जोखिमों को समझे बिना निवेश करना
ELSS Mutual funds equity से जुड़े होते हैं, जो market volatility के जोखिम लाते हैं। इन जोखिमों को समझे बिना निवेश करने से घबराहट हो सकती है। ELSS में returns की कोई गारंटी नहीं होती, unlike fixed-income options। निवेश से पहले market risks को समझना ज़रूरी है। अपने risk appetite को जानें ताकि मानसिक तनाव न हो। संभावित जोखिमों को समझने के लिए किसी professional से सलाह लें।
Tax saving और wealth creation के ELSS Mutual funds लिए एक स्मार्ट विकल्प हैं। ये Section 80C के तहत ₹46,800 तक की छूट देते हैं। equity investments से 12-15% का high return potential भी मिलता है। इनका 3 साल का lock-in अन्य 80C विकल्पों से छोटा है। SIPs और diversification से risk कम होता है और disciplined investing को बढ़ावा मिलता है। ELSS को अपने tax planning में शामिल करना लंबे लक्ष्य पूरे करने में मदद करता है। tax planning पर नियंत्रण financial freedom की ओर पहला कदम है। जल्द शुरुआत करें, सोच-समझकर चुनें और advisor से सलाह लें। 2025 को smart savings और prosperity का साल बनाएं।
FAQ
ELSS Mutual fund क्या हैं?
ELSS (Equity-Linked Savings Scheme) एक mutual fund है जो equities में निवेश करता है। यह Section 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की tax deduction देता है। इसका 3 साल का lock-in होता है। wealth creation और tax saving इसका उद्देश्य होता है। long-term financial goals के लिए उपयुक्त है।
मैं ELSS Mutual fund से कितना टैक्स बचा सकता हूँ?
Section 80C के तहत ₹1.5 लाख तक claim कर सकते हैं। इससे ₹46,800 तक की annual बचत होती है, आपके tax slab पर निर्भर करता है। जैसे, 30% slab में ₹46,800 बचते हैं। निवेश financial year के भीतर होना चाहिए। सटीक calculation के लिए advisor से सलाह लें।
ELSS Mutual Funds के लिए लॉक-इन अवधि क्या है?
ईएलएसएस म्यूचुअल फंडमें 3 साल का अनिवार्य lock-in होता है। यह PPF (15 साल) जैसे अन्य 80C विकल्पों से छोटा है। हर SIP किस्त पर भी अलग 3 साल का lock-in लगता है। यह disciplined investing सुनिश्चित करता है। निवेश से पहले liquidity needs का आकलन करें।
ELSS returns रिटर्न पर टैक्स कैसे लगता है?
₹1 लाख से ऊपर के long-term capital gains पर 10% tax लगता है। जैसे, ₹50,000 taxable gain पर ₹5,000 tax देना होगा। dividends आपके slab rate पर टैक्स होते हैं। ELSS 80C benefit के कारण tax-efficient रहता है। growth options से टैक्स defer हो जाता है।
संदर्भ-
यहाँ ELSS फंड्स के लिए पाँच विश्वसनीय संदर्भ लिंक दिए गए हैं, जो उनके विशेषताओं, लाभों और कर प्रभावों की विस्तृत जानकारी प्रदान करने वाले प्रतिष्ठित स्रोतों पर आधारित हैं:
- https://groww.in/mutual-funds/elss[](https://groww.in/mutual-funds/equity-funds/elss-funds)
- https://cleartax.in/s/elss[](https://cleartax.in/s/elss)
- https://www.etmoney.com/mutual-funds/equity/elss/34[](https://www.etmoney.com/learn/mutual-funds/elss-mutual-funds/)
- https://www.hdfcbank.com/personal/invest/elss-funds[](https://www.hdfcbank.com/personal/resources/learning-centre/invest/a-complete-guide-on-elss-funds)
- https://www.bajajamc.com/mutual-fund/equity-linked-savings-scheme[](https://www.bajajamc.com/glossary/aii-you-need-to-know-about-elss-funds)
Stock Market में निवेश शुरू करने के लिए लोकप्रिय ऐप्स
- Zerodha Kite: साफ इंटरफ़ेस, शुरुआती निवेशकों के लिए अच्छा। Click to open account with Zerodha (Kite-App)
- Groww: सरल ऐप, म्यूचुअल फंड और शेयरों के लिए अच्छा सपोर्ट।
- Upstox: कम शुल्क और उपयोग में आसान।
- Angel One: शोध उपकरण और सलाह प्रदान करता है।
Disclaimer-
यह रिपोर्ट तकनीकी, आर्थिक और सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर “Aalekhi (आलेखी)” संपादकीय टीम द्वारा तैयार की गई है। इसमें प्रस्तुत कुछ विश्लेषण, तुलना और संभावनाएं आलेखी के संपादकों की स्वतंत्र राय पर आधारित हैं।
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