
Soyabean / नई दिल्ली
देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले कृषि क्षेत्र में एक बार फिर से मानसून की मेहरबानी से सोयाबीन किसानों की उम्मीदें परवान चढ़ रही हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस बार जून-सितंबर 2025 के दौरान ‘सामान्य से अधिक’ बारिश की भविष्यवाणी की है। इससे खरीफ सीजन 2025-26 में सोयाबीन की अच्छी पैदावार की संभावनाएं बन रही हैं।
सरकार ने भी किसानों को राहत देते हुए सोयाबीन (पीली किस्म) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹5328 प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.9% अधिक है। यदि मानसून अनुमान के अनुरूप बरसता रहा, तो अगले 3-6 महीनों में बाजार भाव MSP के आसपास या उससे थोड़ा ऊपर रह सकते हैं।
सोयाबीन: मध्य भारत की जान
भारत दुनिया का पाँचवाँ सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक देश है, जिसमें मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से लगभग 80% उत्पादन होता है। यह खरीफ मौसम की मुख्य फसल है, जो पूरी तरह से मानसून पर निर्भर है।
साल 2024-25 के दूसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, देश में सोयाबीन उत्पादन 151.32 लाख टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल (130.62 लाख टन) से काफ़ी अधिक है।
मानसून: दाम का सबसे बड़ा निर्धारक
सोयाबीन की पैदावार बारिश के समय और वितरण पर बहुत हद तक निर्भर करती है:
- बुआई (जून-जुलाई): शुरुआती बारिश का समय पर आना बेहद जरूरी।
- विकास व फूल आना (जुलाई-अगस्त): इस दौरान नमी की कमी फसल को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
- पॉड भरना व पकना (अगस्त-सितंबर): अधिक या असमय बारिश से दाने सड़ सकते हैं और गुणवत्ता गिर सकती है।
इस बार IMD ने 106% लॉन्ग पीरियड एवरेज की बारिश का पूर्वानुमान जताया है। देशभर में 89% संभावना है कि बारिश ‘सामान्य से अधिक’ या ‘सामान्य’ रहेगी।
अगर यह पूर्वानुमान सटीक रहा तो मध्य भारत में रिकॉर्ड स्तर की बुआई और अच्छी फसल संभव है।
हालांकि, क्षेत्रीय असमानता (जैसे कहीं ज़्यादा और कहीं सूखा) चिंता का विषय बनी हुई है।

कीमतें क्या कहती हैं?
जून 11, 2025 को NCDEX पर soyabean वायदा भाव 1056.80 यूएस सेंट/बुशल पर दर्ज हुआ। मंडियों में दाम दैनिक उतार-चढ़ाव में चल रहे हैं।
आगामी 3-6 महीनों (जुलाई-दिसंबर 2025) में संभावित परिदृश्य:
- मजबूत मानसून + अच्छी फसल: दाम MSP ₹5328/क्विंटल के आसपास या थोड़ा ऊपर रह सकते हैं।
- अगर बारिश में खलल या अतिवृष्टि हुई: कीमतें तेजी से ऊपर जा सकती हैं।
- बम्पर फसल + आयात प्रतिस्पर्धा: कुछ बाजारों में दाम MSP से नीचे जा सकते हैं। PJTSAU ने ₹4350-4600/क्विंटल के संभावित रेट का अनुमान जताया है।
सरकारी फैसले जो कीमत तय करेंगे
- MSP बढ़ोतरी: किसानों को बेहतर दाम देने की दिशा में बड़ा कदम।
- तेल आयात शुल्क में कटौती (20% से 10%): उपभोक्ताओं के लिए राहत, लेकिन घरेलू कीमतों पर दबाव।
- NAFED की खरीदी: यदि बाजार में MSP से नीचे भाव रहे, तो सरकारी खरीदी अहम भूमिका निभाएगी।
वैश्विक बाजार और मांग का असर
- दक्षिण अमेरिका में उत्पादन गुणवत्ता संबंधी समस्याएं वैश्विक सप्लाई चेन को टाइट कर सकती हैं।
- भारतीय सोयामील का निर्यात अगर बढ़ता है, तो किसानों को बेहतर भाव मिल सकते हैं।
- पोल्ट्री व खाद्य तेल उद्योग की मांग घरेलू क्रशिंग को बढ़ावा दे सकती है।
मानसून रहेगा गेम चेंजर
2025 का खरीफ सीजन soyabean बाजार के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। अगर बारिश सही समय और मात्रा में हुई, तो बम्पर फसल के चलते बाजार में भाव स्थिर या MSP के आसपास रह सकते हैं। वहीं बारिश की गड़बड़ी, वैश्विक बाजार की हलचल या सरकार की नीतिगत सक्रियता कीमतों को ऊपर-नीचे कर सकती है।
ट्रेडर्स को सतर्क रणनीति की सलाह
नई दिल्ली — देश की खरीफ तैयारी इस वर्ष एक अहम मोड़ पर खड़ी है। soyabean की बुआई में इस बार बेहतर मानसून और बढ़े हुए MSP से जोश है, लेकिन मंडी और फ्यूचर्स बाजार में उतार-चढ़ाव की आशंका बनी हुई है। किसानों के साथ-साथ अब ट्रेडर्स और हेजर्स के लिए भी यह वक्त सतर्क रणनीति अपनाने का है। Commodity Market में आपका पहला कदम (1st step)
NCDEX पर soyabean के भाव में स्थिरता, लेकिन अस्थिरता की आशंका
NCDEX पर 11 जून 2025 को soyabean के फ्यूचर्स भाव 1056.80 सेंट/बुशल के आसपास कारोबार कर रहे थे। भारतीय संदर्भ में यह ₹5300–₹5400 प्रति क्विंटल की सीमा में आता है, जो MSP के आसपास ही है।
लेकिन बाजार विश्लेषकों का कहना है कि यह स्थिरता लंबे समय तक बनी नहीं रह सकती। जैसे ही मानसून की प्रगति के पुख्ता संकेत मिलने लगेंगे और बुआई के आंकड़े सामने आएंगे, बाजार की दिशा बदल सकती है।
ट्रेडर्स और हेजर्स के लिए सुझाव
हेजिंग रणनीति अपनाएं
ट्रेडर्स को अभी से अक्टूबर और नवंबर डिलीवरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स पर नजर रखनी चाहिए। यदि मानसून सामान्य रहता है और आवक अधिक होती है, तो अक्टूबर के बाद फ्यूचर्स में गिरावट संभव है। ऐसे में मौजूदा स्तरों पर शॉर्ट पोजीशन लेना मुनासिब हो सकता है।
स्प्रेड ट्रेडिंग पर ध्यान दें
यदि बाजार में वायदा और हाजिर भाव में अंतर बढ़ता है (जो अच्छी फसल की संभावना में हो सकता है), तो स्प्रेड ट्रेडिंग रणनीति लाभदायक हो सकती है। विशेषकर अक्टूबर–दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट्स में।
स्पॉट मंडियों से संकेत लेते रहें
इंदौर, नागपुर और लातूर की मंडियों में भावों की चाल सीधे फ्यूचर्स को प्रभावित करती है। यदि वहां MSP से नीचे ट्रेड हो रहा है, तो फ्यूचर्स में भी दबाव आएगा।
मॉनसून की रिपोर्ट और वैश्विक संकेतों पर अपडेट रहें
IMD की साप्ताहिक रिपोर्ट्स, NOAA (अमेरिकी मौसम एजेंसी) के अपडेट्स और ब्राजील-अर्जेंटीना की फसल की स्थिति पर नियमित नजर रखें।
एक्सपोर्ट ट्रेंड्स का विश्लेषण करें
यदि सोयामील के निर्यात ऑर्डर में तेजी आती है, तो कीमतों को सपोर्ट मिलेगा। SEA और DGFT के आंकड़े यहां मार्गदर्शन करेंगे।

लघु अवधि मूल्य पूर्वानुमान (जुलाई–दिसंबर 2025)
अवधि | संभावित भाव सीमा (₹/क्विंटल) | परिदृश्य |
जुलाई–अगस्त | ₹5200–₹5500 | मानसून की शुरुआती प्रगति, बुआई आंकड़े मुख्य कारक |
सितंबर–अक्टूबर | ₹5000–₹5350 | कटाई की शुरुआत, भारी आवक से MSP के आसपास या नीचे भाव संभव |
नवंबर–दिसंबर | ₹5200–₹5700 | यदि निर्यात और क्रशिंग डिमांड बढ़ी, तो तेजी संभव |
अपसाइड जोखिम: कमजोर मानसून, कटाई के समय भारी वर्षा, वैश्विक कीमतों में तेजी, निर्यात मांग
डाउनसाइड जोखिम: बंपर फसल, सुस्त सरकारी खरीद, सस्ते तेल आयात से दबाव
क्या NCDEX ट्रेडिंग में अवसर हैं?
बिल्कुल। लेकिन यह अवसर उन ट्रेडर्स के लिए हैं जो:
- फंडामेंटल एनालिसिस (मानसून, बुआई, ग्लोबल मार्केट्स) को लगातार ट्रैक करते हैं
- टेक्निकल एनालिसिस से शॉर्ट टर्म मूवमेंट को पहचानते हैं
- और रिस्क मैनेजमेंट (SL, पोजिशन साइजिंग) को गंभीरता से लेते हैं
इस सीजन में “Buy on Dips & Hedge Near Harvest” की रणनीति एक प्रमुख मंत्र हो सकती है।
जहां किसानों के लिए यह वर्ष मानसून और MSP के चलते आशावादी है, वहीं ट्रेडर्स और हेजर्स के लिए यह एक सतर्क और सूझ-बूझ से भरा सीजन है। फसल की प्रगति के साथ-साथ नीतिगत निर्णयों और वैश्विक संकेतों को ध्यान में रखते हुए NCDEX पर लाभ कमाने के अवसर जरूर मौजूद हैं, बस जरूरत है सही समय पर सही रणनीति अपनाने की। किसानों, व्यापारियों और प्रोसेसर्स के लिए यह वक्त सतर्कता और रणनीति से कदम उठाने का है।
स्रोत: IMD, NCDEX, कृषि मंत्रालय, SEA, PJTSAU, PIB, Angel One, Investing India
FAQ
इस वर्ष सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या है?
वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने सोयाबीन (पीला) का MSP ₹5328 प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.9% अधिक है। यह मूल्य किसानों को एक न्यूनतम सुरक्षा देता है।
मानसून का सोयाबीन उत्पादन पर कितना प्रभाव पड़ता है?
सोयाबीन मुख्य रूप से वर्षा-आधारित (रेनफेड) फसल है। मानसून की शुरुआत, वितरण और अवधि उत्पादन पर सीधा प्रभाव डालती है। समय पर बारिश अच्छी बुवाई और उपज सुनिश्चित करती है, जबकि अत्यधिक या अनियमित वर्षा फसल को नुकसान पहुँचा सकती है।
क्या घरेलू उत्पादन बढ़ने के बावजूद भारत को सोया तेल आयात करना पड़ता है?
हाँ, भारत सोयाबीन उत्पादन में अग्रणी देशों में है, लेकिन घरेलू खपत (खासकर तेल की) इतनी अधिक है कि आयात अब भी ज़रूरी है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाज़ार की चालें भी घरेलू कीमतों को प्रभावित करती हैं।
क्या अभी सोयाबीन में निवेश करना लाभकारी रहेगा?
यदि मानसून “सामान्य से बेहतर” रहा और फसल अच्छी हुई, तो सितंबर-अक्टूबर में आवक बढ़ने से दाम MSP के आसपास या थोड़ा ऊपर रह सकते हैं। हालांकि, मानसून में गड़बड़ी, वैश्विक मांग बढ़ने या निर्यात में तेजी जैसे कारक कीमतों को बढ़ा सकते हैं। इसीलिए निवेश निर्णय विशेषज्ञ सलाह से ही लें।
NCDEX पर सोयाबीन का निकट भविष्य कैसा दिखता है?
जून 2025 में NCDEX पर सोयाबीन वायदा अनुबंध लगभग 1056.80 US सेंट/बुशेल के स्तर पर कारोबार कर रहा है। मानसून की प्रगति, वैश्विक उत्पादन पर खबरें, और भारत सरकार की नीतियाँ निकट भविष्य (3–6 महीने) में इसकी कीमतों को प्रभावित करेंगी। संभावित स्थिरता MSP के आस-पास बनी रह सकती है, लेकिन कोई भी अप्रत्याशित घटना (जैसे बेमौसम बारिश या निर्यात मांग में उछाल) तेजी का कारण बन सकती है।
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस लेख में प्रस्तुत सभी जानकारियाँ और विश्लेषण केवल सामान्य सूचना और शैक्षणिक उद्देश्य हेतु हैं। इसमें दी गई सामग्री को किसी प्रकार की निवेश, व्यापार, या वित्तीय सलाह के रूप में न लिया जाए। कृषि जिंसों, विशेष रूप से सोयाबीन जैसे वायदा अनुबंधों में व्यापार जोखिम से जुड़ा होता है। पाठकों, विशेष रूप से व्यापारी, हेजर और निवेशक वर्ग को सलाह दी जाती है कि वे बाजार में कोई निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। लेखक और प्रकाशक किसी भी लाभ या हानि के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।
आधिकारिक वेबसाइट लिंक:
भारत संबंधित संस्थान
- India Meteorological Department (IMD) – मौसम और कृषि-मौसम संबंधी जानकारी के लिए: https://mausam.imd.gov.in/
- National Commodity & Derivatives Exchange Limited (NCDEX) – कृषि कमोडिटी वायदा ट्रेडिंग: https://www.ncdex.com/
- Department of Agriculture & Farmers Welfare (कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार): https://agriwelfare.gov.in/
- Press Information Bureau (PIB) – सरकारी प्रेस रिलीज़ और सूचनाएँ: https://pib.gov.in/
अंतरराष्ट्रीय और व्यापारिक संस्थान
- USDA – World Agricultural Supply and Demand Estimates (WASDE) रिपोर्ट: https://www.usda.gov/oce/commodity/wasde/
- Solvent Extractors’ Association of India (SEA) – तेल बीज उद्योग से सम्बंधित जानकारी: https://seaofindia.com/
- Professor Jayashankar Telangana State Agricultural University (PJTSAU) – कृषि बाज़ार रिपोर्ट्स: https://www.pjtau.edu.in/agri-marketing-intelligence.html
वित्तीय एवं समाचार स्रोत
- Investing.com India – वित्तीय बाजार, कमोडिटी और स्टॉक्स की जानकारी: https://in.investing.com/
- Angel One News – NCDEX और कमोडिटी ट्रेडिंग से संबंधित ज्ञान साझा करता है: https://www.angelone.in/knowledge-center/online-share-trading/ncdex-meaning
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